आपके किचन का लुक, आपकी पसंद के बारे में बहुत कुछ बताता है। इसके अलावा एक और चीज़, जो आपकी पसंद के बारे में बताती है, वो है: रसोई में लगी चिमनी।
किचन चिमनी, आपकी किचन की ख़ूबसूरती में चार-चाँद लगाती है, लिहाज़ा यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि आप इसे ख़रीदते समय इस बात का ख़्याल रखें कि यह आपके किचन के लुक (डिज़ाइन) से मेल खाये।
चिमनी के प्रकार
वेंटिलेशन टाइप के आधार पर चिमनी दो प्रकार की होती है:
डक्टेड चिमनी (Ducted Chimney)
इसमें चिमनी के ऊपर एक मोटा पाइप निकला होता है, जिससे रसोई का धुआँ खींचकर बाहर निकाल दिया जाता है।
- आइडियल डक्ट साइज़ 8 से 12 फ़ीट होना चाहिए।
डक्ट्लेस चिमनी (Ductless Chimney)
जब रसोई से धुआँ निकलने की जगह न हो तो ऐसी चिमनी इस्तेमाल की जाती है। पाइप वाली चिमनी (ducted chimney) के उलट इस चिमनी में कोई पाइप (duct) नहीं होता बल्कि चारकोल फ़िल्टर होता है जिस पर धुआँ, दुर्गन्ध और तेल के महीन कण चिपक जाते हैं और हवा को साफ़ कर वापस रसोई में डाल दिया जाता है।
फ़िट करने के आधार पर यह दो तरह की होती है:
दीवार पर लगने वाली (Wall Mounted Chimney)
- जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि इस प्रकार की चिमनी को दीवार पर फ़िट किया जाता है।
- यह भारतीय रसोई या पारंपरिक रसोई के लिए बनाया गया है जहां दीवार के पास गैस स्टोव होता है।
- बाहर निकलने वाले धुएं के लिए कम से कम डक्टिंग/पाइप की ज़रूरत होती है।
- यह अपार्टमेंट और घरों में सबसे आम और लोकप्रिय है।आपका अपार्टमेंट चाहे छोटा हो या बड़ा, आप हमेशा वॉल माउंट मॉडल का उपयोग कर सकते हैं।
- आप वॉल माउंट मॉडल के लिए फ़िल्टर ऑप्शन भी प्राप्त उपलब्ध हैं।
- ये न केवल विभिन्न फिनिश में बल्कि विभिन्न आकारों (90 सेमी और 60 सेमी) में उपलब्ध हैं।
- इसके अलावा, वॉल-माउंटेड मॉडल आप की रसोई की ख़ूबसूरती में चार-चाँद लगाता है।
- वॉल माउंटेड चिमनी के बारे में एक बड़ा प्लस पॉइंट यह है कि आपको अपने स्टोवटॉप्स की स्थिति में बहुत ज़्यादा बदलाव करने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
अगर आप का गैस-चूल्हा रसोई की दीवार के पास है तो इस तरह की चिमनी लेना ठीक रहेगा। इसमें कम से कम पाइपों (ducting pipes) की ज़रूरत पड़ती है, लिहाज़ा कम खर्चे में काम हो जाता है।
वॉल माउंटेड चिमनी के फ़ायदे
- स्टोवटॉप के ऊपर एक दीवार पर फ़िट किया जाता है
- बाहर निकलने वाले धुएं के लिए कम से कम डक्टिंग/पाइप की ज़रूरत
- सभी प्रकार की रसोई के लिए उपयुक्त
- विभिन्न आकारों में उपलब्ध
- आधुनिक और स्टाइलिश लुक
- क़ीमत कम
वॉल माउंटेड चिमनी के नुक़सान
- केवल दीवार पर ही फ़िट किया जा सकता है
छत (सीलिंग) पर लगने वाली (Ceiling Mounted / Island Chimney)
- जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि इस प्रकार की चिमनी को छत (सीलिंग) से लटका कर फ़िट किया जाता है।
- अगर आपका गैस-चूल्हा रसोई के बीच है(न कि दीवार के पास), तो इस तरह की चिमनी लेना ठीक रहेगा।
- यह आधुनिक रसोई के लिए डिज़ाइन किया गया है जहाँ रसोई के बीच में स्टोव / हॉब होता है
- धुएं को बाहर निकालने के लिए ज़्यादा लम्बे डक्टिंग / पाइप की ज़रूरत होती है। लिहाज़ा खर्चा थोड़ा बढ़ जाता है।
- अगर आपका गैस-चूल्हा रसोई के बीच है (न कि दीवार के पास), तो इस तरह की चिमनी लेना ठीक रहेगा।
- इसमें थोड़ा ज़्यादा पाइपों (ducting pipes) की ज़रूरत पड़ती है, लिहाज़ा खर्चा थोड़ा बढ़ जाता है।
आइलैंड चिमनी के फ़ायदे
- स्टोवटॉप के ऊपर छत (सीलिंग) से लटका कर फ़िट किया जाता है
- विभिन्न आकारों में उपलब्ध
- आधुनिक और स्टाइलिश लुक
आइलैंड चिमनी के नुक़सान
- बाहर निकलने वाले धुएं के लिए ज़्यादा डक्टिंग/पाइप की ज़रूरत
- क़ीमत ज़्यादा
बिल्ट इन चिमनी (Built-in Chimneys)
- इस प्रकार की चिमनी को (दीवार के नीचे पूरी तरह से) कैबिनेट के अंदर या कुकटॉप के ऊपर लकड़ी के फर्नीचर में फिट किया जाता है ताकि चिमनी ज़्यादातर भाग दिखाई न दें।
- एक्स्ट्रा लकड़ी का काम (wood work) करना पड़ता है।
- कॉम्पैक्ट और स्मूथ दिखने के कारण यह दिखने में आकर्षक होती है।
बिल्ट इन चिमनी के फ़ायदे
- किचन कैबिनेट के अंदर फिट किया जाता है
- विभिन्न आकारों में उपलब्ध
- कॉम्पैक्ट और स्मूथ लुक
बिल्ट इन चिमनी के नुक़सान
- क़ीमत ज़्यादा
कॉर्नर चिमनी (Corner Chimney)
- जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि इस प्रकार की चिमनी को रसोई के कोने में फ़िट किया जाता है
- इसका उपयोग तब किया जाता है जब आप अपना खाना पकाने का काउंटर कोने में हो।
- इसका इस्तेमाल भारत में बहुत कम किया जाता है।